ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदागुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती '१००८' जी महाराज ने चंडी घाट पर गंगा पूजन कर किया शीतकालीन चार धाम यात्रा का श्री गणेश
-
By Admin
Published - 16 December 2024 13 views
उत्तराखंड।
ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड स्थित चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री,केदारेश्वर महादेव और भगवान बदरी विशाल के मंदिरों के कपाट स्थानीय भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए केवल पूजा स्थलों में परिवर्तन होता है।
उन्होंने कहा कि सदियों से चली आ रही पूजा अर्चना प्राचीन परंपरा के अनुसार शीतकालीन पूजा स्थलों में की जाती है।हरिद्वार स्थित गंगा के चंडी घाट पर गंगा पूजन और गंगा आरती से पूर्व
शंकराचार्य जी महाराज ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जन सामान्य में ऐसी धारणा बन गई कि चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में श्रद्धालु दर्शन लाभ नहीं ले सकते हैं। इसी धारणा को तोड़ने के लिए उनके द्वारा विगत वर्ष लगभग पांच शताब्दि बाद *शीतकालीन चारधाम मंगल यात्रा* का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि उत्तराखंड राज्य सरकार ने भी शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए हैं।
परमधर्माधीश महाराजश्री कहा कि जो पुण्य लाभ यात्रियों को ग्रीष्मकाल में चार धामों के दर्शन से मिलता है, उससे अधिक लाभ शीतकालीन पूजा स्थलों में पूजा-अर्चना एवं दर्शन से श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए उनके द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि ज्योतिर्मठ में शंकराचार्य गुरुकुलम की शुरुआत हो गई है। इसके अलावा चमोली जनपद में एक अन्य गुरुकुलम को शुरू किया जा रहा है।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की तपस्थली ज्योतिर्मठ में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए अस्पताल का भूमि पूजन कर दिया गया है।जन भावनाओं के अनुरूप जल्द वहां पर अत्याधुनिक सुविधापूर्ण अस्पताल कार्य करने लगेगा।
*चंडी घाट पर हुआ यात्रा का शुभारंभ*
चार धाम शीतकालीन दर्शन यात्रा का शुभारंभ चंडी घाट पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के पावन सानिध्य में मां गंगा की विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ।
इसके बाद काशी से आए आचार्यों द्वारा मां गंगा की दिव्य और भव्य आरती की गई।
इस अवसर पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य जी ने यात्रा में आए सभी यात्रियों को चार धामों का माहात्म्य बताया और यात्रा की मंगल कामना की।
• शंकराचार्य जी के पावन सानिध्य में 16 दिसंबर से प्रारंभ हो रही चार धाम शीतकालीन दर्शन यात्रा में देश के 10 से अधिक राज्यों के 150 से ज्यादा तीर्थ यात्री यात्रा दल में शामिल हैं।
यात्रा प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड आदि राज्यों से 150 से ज्यादा महिला एवं पुरुष तीर्थ यात्री इस यात्रा में शामिल हैं। यात्रा 16 दिसंबर से प्रारंभ होकर के 22 दिसंबर को हरिद्वार में संपन्न होगी।
सम्बंधित खबरें
-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि घरेलू दवा उद्योग को मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़
-
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में एक नवंबर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का फैसला किया है। जनस
-
जम्मू कश्मीर की परिस्थितियों में लगातार बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में पर्यटन में इजाफ
-
6 जुलाई से लापता बताए जा रहे दो मणिपुरी छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। तस्वीरें उन