नाग पंचमी के दिन कर लो बस ये एक काम, कुंडली में राहु-केतु हो जाएंगे बेअसर
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By Admin
Published - 29 July 2024 154 views
सनातन धर्म में भगवान विष्णु के शेष नाग से लेकर शिवजी के गले में पड़े नाग तक, सापों को विशेष महत्व है. सांपों के लिए की गई पूजा नाग देवताओं तक पहुंचती है. नाग पंचमी हर साल सावन शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है. इस साल नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी.
नाग पंचमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है. इस साल सावन शुक्ल पंचमी के दिन मनाई जाने वाली नाग पंचमी 9 अगस्त को होगी. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसी मान्यता है कि कुंडली में काल सर्प दोष आदि भी इस दिन की गई पूजा से दूर किए जा सकते हैं.
नाग देवता की पूजा से सांपों के कारण होने वाले अनिष्ट का भय समाप्त होता है. साथ ही, जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु बार-बार अनिष्ट कर रहे हैं तो नाग देवता को मनाने से इस पर रोक लग जाएगी.
प्रदोष काल में नाग देवता की पूजा करना सही रहता है. विशेष पूजा के लिए दोपहर 12:30 से 1:00 बजे तक का समय शुभ रहेगा. प्रदोष काल में पूजा नहीं कर पाएं तो किसी भी समय पूजा कर सकते हैं.
इस दिन का महत्व
हिंदू धर्म में सांपों को नाग देवताओं के रूप में पूजनीय माना जाता है. सनातन धर्म में भगवान विष्णु के शेष नाग से लेकर शिवजी के गले में पड़े नाग तक, सापों को विशेष महत्व है. सांपों के लिए की गई पूजा नाग देवताओं तक पहुंचती है. मान्यता है कि जिस घर में नाग पंचमी पर नागों की पूजा की जाती है, उस घर में सांप डसने से मौत नहीं होती है.
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नागपंचमी को लेकर कई कथाएं
एक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय वासुकी नाग को रस्सी बनाया गया था. नागों के योगदान को याद करने के लिए नाग पंचमी पर्व मनाया जाने लगा. श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी को भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन में खतरनाक कालिया नाग से लोगों की जान बचाई थी. वहीं एक अन्य कथा के अनुसार कालांतर में अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय इस बात पर क्रोधित हुए कि उनके पिता की मृत्यु का कारण सर्पदंश था. नागों का अस्तित्व मिटाने के लिए उन्होंने सर्पसत्र यज्ञ का आयोजन किया. ऋषि आस्तिक ने यज्ञ को रोक दिया. साथ ही आग के ताप से तक्षक को बचाने के लिए उन पर कच्चा दूध डाल दिया. नाग तक्षक के बचने से नागों का वंश भी बच गया. मान्यता है कि तभी से नागपंचमी पर नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई.
एक अन्य लोककथा के अनुसार एक किसान के परिवार में दो बेटे और एक बेटी थी. खेत जोतते समय एक दिन हल से नाग के तीन बच्चे मर गए. नागिन ने बदला लेते हुए रात में किसान, उसकी पत्नी और दोनों बेटों को डस लिया. अगले दिन वह किसान की बेटी को भी डसने चली तो बेटी ने कटोरी में दूध रखकर नागिन से क्षमा मांगी. प्रसन्न होकर नागिन ने किसान और उसके सभी सदस्यों को जीवित कर दिया. इस दिन सावन शुक्ल पंचमी थी.
नागों की कृपा पाने के लिए यह करें, क्या न करें
– नागपंचमी के दिन जरूरतमंद लोगों को दान करना शुभ माना गया है.– इस दिन सर्पों पूजा और को दूध से स्नान कराने से पुण्य मिलता है.– घर के मेन गेट पर नाग चित्र या घर में मिट्टी से सर्प की मूर्ति बनाएं.– नाग देवता को फूल, मिठाई और दूध अर्पित करें.– नाग पंचमी के दिन सांपों को चोट न लगे इसलिए इस दिन न खेतों में जुताई करें न पेड़ काटे.
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